उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को जेल से रिहा करने की मांग अब तेज होती जा रही है। रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खून से पत्र लिखकर अजय कुमार लल्लू को रिहा करने की मांग की है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लिखा है कि अजय कुमार लल्लू को रिहा करो तानाशाही बंद करो। प्रदेश सरकार पर सत्ता का गलत इस्तेमाल करने का अरोप लगाया है। दरसल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बसों की लिस्ट में फर्जीवाड़े करने का आरोप है। उन्हे कानूनी कार्यवाही के बाद जेल में रखा गया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बीते 10 दिनों से लखनऊ की जेल में बंद हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी रिहाई की मांग की जा रही है। बीते 30 मई को अजय कुमार लल्लू की जमानत होने की उम्मीद थी। लेकिन अदालत में केस डायरी सबमिट नहीं होने की वजह से जमानत नहीं हो पाई। इसके बाद से प्रदेशभर के कांग्रेस वर्करों में गुस्सा व्याप्त है।

प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने से शुरू हुई राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस ने एक हजार बसों की व्यवस्था कराई थी। कोरोना संकटकाल में प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। प्रदेश सरकार ने बसों की लिस्ट में फर्जीवाड़े का जिम्मेदार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू बनाया है।

कार्यकर्ताओं का आरोप- सरकार के इशारे पर नहीं हो रही रिहाई

रविवार को कांग्र्रेस के युवा छात्र नेता विकास अवस्थी , कांग्रेस पार्षद जेपी पार्षद समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खून से पत्र लिखकर प्रदेश अध्यक्ष को रिहा करने की मांग करते हुए प्रदेश सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार अजय कुमार लल्लू के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। जबकि वो जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधी हैं। कोरोना की इस घड़ी में उन्होने समाज के हित के दिन रात काम किया है। गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद की। यह भी आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर उनकी जमानत नहीं हो रही है।



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कांग्रेसियों ने खून से पत्र लिखकर की प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के रिहाई की मांग।


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