कानपुर जिले में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात हुए शूटआउट मामले में फरार चल रहे 50 हजार के इनामी रावेंद्र कुमार उर्फ रविंद्र कुमार उर्फ रामू बाजपेयी को गिरफ्तार किया है। वांछितों की हिट लिस्ट में रामू बाजपेयी की आखिरी गिरफ्तारी है। इससे पहले एसटीएफ ने 10 जुलाई को मुख्य आरोपी विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर किया था। इस प्रकरण में विकास समेत उसके पांच साथी मारे गए थे। जबकि, 26 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा गया है। सात बदमाशों ने कोर्ट में सरेंडर किया है।
कैसे हुई गिरफ्तारी
गैंगस्टर विकास दुबे के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद रामू बाजपेयी फरार हो गया था। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि रामू बिकरु मोड़ से बाबा कुआं के मध्य पड़ने वाले बम्बे के पास देखा गया है। पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया है। रामू की निशानदेही पर 1 रायफल 315 बोर,1 जिंदा कारतूस 315 बोर व 5 खोखा कारतूस 315 बोर बरामद किया गया है। उसने असलहों को अमर दुबे के खेत के बगल बांस की झाड़ियों के बीच छुपा कर रखा था। रामू पूर्व में मुठभेड़ में गिरफ्तार श्यामू बाजपेयी का भाई है।
सभी असलहे भी रिकवर
एसएसपी/डीआईजी कानपुर डॉ.प्रतिन्दर कुमार ने बताया बिकरु कांड के सभी नामजद इनामी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं और जितने भी पुलिस के हथियार घटना के दौरान लूटे गए थे वह सभी रिकवर हो गए हैं। जांच के दौरान कुछ नाम और संज्ञान में आए थे, जिन्हें आरोपी बनाया गया था उनमें भी काफी लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बाकी शेष आरोपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
दो जुलाई की रात को हुआ था बिकरु कांड
2 और 3 जुलाई की रात पुलिस की एक टीम विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी, जिसकी जानकारी भनक विकास दुबे को पहले ही पुलिस के द्वारा लग गई थी। इसके बाद विकास दूबे ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, जिसमें उसके कई साथी मौजूद थे। इस हमले से पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे। हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। उत्तर प्रदेश आते समय कानपुर के पास पुलिस की गाड़ी पलट गई। इसी बीच भागने के दौरान एनकाउंटर में मारा गया।
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