उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। यहां एक ऐसा मामला पकड़ में आया है जिसमें नाम और जन्मतिथि एक है। मगर दो शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। ऐसे 60 मामले हैं, जिन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

गोरखपुर के बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि, शासन के निर्देश पर जिले के विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन चल रहा है। अब तक 60 फर्जी शिक्षक सामने आए हैं। शासन से निर्देश मिलते ही इन पर कार्रवाई होगी।

ऐसे हुआ खुलासा

बीएसए ने बताया कि, प्रेमलता त्रिपाठी प्राइमरी विद्यालय सहजनवा गोरखपुर में समन्वय के पद पर 6 सितंबर 2012 से कार्यरत हैं। उनकी प्रथम नियुक्ति 11 फरवरी 2019 है। बस्ती जिले में विकासखंड कुदरा में प्राथमिक विद्यालय अहिल्या में थीं। इनके मानव संपदा पोर्टल पर प्रेमलता त्रिपाठी के स्थान पर प्रेमलता त्रिपाठी त्रिपाठी आ रहा है। जब सजनवा बीआरसी पर अपने डेट सर्टिफिकेट के सत्यापन के लिए पहुंचीं तो कंप्यूटर पर डाटा करेक्शन नहीं हो पा रहा है। पता चला कि इसी के सेम नाम पर ही कोई अन्य व्यक्ति संत रविदास नगर में कार्यरत है। उस व्यक्ति के मानव संपदा का कोर्ड 312688 है जोकि बीआरसी से प्राप्त हुआ है। उस व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, शैक्षिक अभिलेख के वर्ष सभी कुछ प्रेमलता के अभिलेखों से मिलते हैं। यह फर्जीवाड़े को साफ दर्शाता है।

बीएसए ने संत रविदास नगर से मांगी जानकारी

सूचना मिलने पर प्रेमलता ने अपने समस्त पत्रकों की जांच बीआरसी सहजनवा कराई। बीएसए से शिकायत की। इस मामले के संज्ञान में आते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने जांच शुरू कर दी और संत रविदास नगर के बीएसए को फोन कर जानकारी दी।





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बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने जांच शुरू कर दी और संत रविदास नगर के बीएसए को फोन कर जानकारी दी।


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