एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है, वहीं विवादित ढांचा गिराने के मामले में आज फैसला आना है। 28 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया था। ढांचा गिराने का आरोप लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसी हस्तियों समेत 48 लोगों पर लगा था। इनमें से 16 की मृत्यु हो चुकी है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 32 आरोपियों की किस्मत का आज फैसला सुनाएगी। जिसके लिए लखनऊ में बनी विशेष अदालत के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
100 मीटर की दूरी पर दो बैरिकेडिंग
क्लार्क अवध होटल से लगभग 100 मीटर दूर स्वास्थ्य भवन के सामने पुरानी हाईकोर्ट की बिल्डिंग है। यहां तक पहुंचने से पहले आपको पुलिस की दो बैरिकेडिंग पार करनी होगी। हालांकि आम लोगों को इस रास्ते पर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कलेक्ट्रेट के रास्ते पर हाईकोर्ट के लिए बना पहले द्वार को एंट्री गेट बनाया गया है। जहां से आरोपी अंदर गए हैं। जबकि कलेक्ट्रेट की तरफ ही मीडिया को बैरिकेडिंग के पीछे खड़ा किया गया है। पुलिस फोर्स का नेतृत्व खुद पुलिस कमिश्नर कर रहे हैं। फैसले के बाद यदि कोई मीडिया से बात करना चाहे तो उसके लिए सड़क पर मेज लगाया गया है।
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