उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना महामारी के बीच बिजली विभाग के दो संविदा कर्मचारियों की मौत हो गई थी। अशोक नगर स्थित भविष्य निधि कार्यालय के अधिकारियों ने उन दोनों मृतकों के परिजनों को ढूंढ कर उनकी मदद की। लॉकडाउन में बेटे के मौत के बाद सरोजा देवी और अमीन का जीवन कर्ज में डूब गया है। अब इन दोनों को विभाग ने पेंशन देने का कार्य किया है जिससे इन्हें काफी राहत मिली है।

पिता अमीन ने बताया कि वो जौनपुर खेता सराय के रहने वाले है। 5 बेटे और 5 बेटियां है। पत्नी 6 वर्ष पहले ही मर चुकी है। बड़ा बेटा अमानत 24 वर्ष का था। 24 मई को 30 फुट ऊंचे बिजली के पोल पर से गिरकर मर गया। बिजली विभाग में आउट सोर्सिंग पर काम करता था। 10 से 15 हजार कमा लेता था। वही परिवार को चलाता था। उसके मरने के बाद परिवार कर्ज लेकर चल रहा है। आज से जो पेंशन मिलना शुरू हुआ उससे काफी मदद मिलेगी।

दूसरा केस; पति की लॉकडाउन में करेंट लगने से मौत हो गई थी
सरोजा देवी चंदा पुर की रहने वाली है। पति संतोष की 17 मई को करेंट लगने से मौत हो गई। वो बिजली विभाग में संविदा पर काम करते थे। एक लड़का और दो लड़कियां है। सरोजा देवी ने बताया कि उनको पेंशन की जानकारी नही थी। कर्ज लेकर परिवार चला रही थी। भविष्य निधि के लोग भगवान बनकर सामने आए और आज पेंशन देने की शुरुआत किया। जीवन मे एक सहारा मिल गया।

क्षेत्रीय आयुक्त भविष्य निधि उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बहुत से लोगों को मामूल ही नहीं होता कि वो पेंशन योजना से जुड़े हैं। कई कंपनियां, निगम रिकार्ड को छुपा लेती है। हम लोगों ने आज से ऐसे पात्रों को खोजकर पेंशन देने की शुरुआत की है। जल्द ही जिलेवार लिस्टिंग की जायेगी। ये उनके हक का पैसा है। 3200 रुपए पेंशन करीब हर महीने उनके एकाउंट में सीधे जाएगा।



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लॉकडाउन के दौरान करंट लगने से दो लोगों की मौत हो गई थी। अब विभाग की तरफ से उनके परिजनों को ढूंढकर उन्हें मदद प्रदान की गई।


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