उत्तर प्रदेश में हाथरस की घटना को लेकर तमाम पार्टियां यूपी सरकार को घेरने का प्रयास कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार को पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय गुरुधाम में पत्रक देने जा रहे थे। इसी बीच सूचना मिलने पर कई थानों की फोर्स लगाकर इनको रोक दिया गया। पुलिस और कार्यकर्ताओं में जमकर धक्का मुक्की भी हुई। कार्यकर्ता कार्यालय से कुछ दूरी पर धरने पर बैठ गये।
पुलिस के समझाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों ने एसीएम गिरीश कुमार को अपनी मांगों से जुड़ा पत्रक सौंपा। महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने बताया कि हम संसदीय जनसंपर्क कार्यालय जा रहे थे। इलाके को छावनी में बदल दिया गया। क्या भारत का नागरिक शांति से अपनी बात भी नहीं रख सकता।हाथरस की बेटी के साथ जो हुआ, उसका जिम्मेदार कौन है। अपराधियों में सरकार का डर नहीं है। लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाएं चरम पर हैं।
सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में भी हुई झड़प
हाथरस की घटना को लेकर सिगरा इलाके में सपा कार्यकर्ताओं द्वारा सीएम योगी का पुतला फूंकने का कार्यक्रम था। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बीच मे ही रोक दिया और जमकर झड़प हुआ।सरकार विरोधी नारे लगाते सपा कार्यकर्ता वापस लौट गए।
पूरा मामला क्या है?
आरोपों के मुताबिक हाथरस जिले के थाना चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 साल की दलित युवती से दुष्कर्म किया था। वारदात के बाद आरोपियों ने पीड़ित की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ काट दी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। इस मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि गैंगरेप और जीभ काटने के आरोप गलत हैं।
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