उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित लड़की के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी मौत हो गई। पीड़ित के दर्दनाक मौत पर दुष्कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग को लेकर दूसरे दिन बुधवार को भी दर्जनों लड़कियां व महिलाएं सड़क पर उतरीं। लोक समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में असवारी गांव में महिलाओं ने इस घटना के आरोपियों को कठोर सजा देने की मांग को लेकर रैली निकाली।

दिल दहला देने वाली घटना से क्षुब्ध महिलाएं दुष्कर्मियों को फांसी दो, महिला हिंसा बंद करो, छेड़खानी पर रोक लगाओ, चुप नहीं रहना है हिंसा नहीं सहना है, भ्रष्ट सरकार होश में आओ, महिलाओं को सुरक्षा दो आदि जोरदार नारे लगाये। लोगों ने बलात्कारियों को अविलम्ब सजा देने, पीड़ित के परिवार वालों को मुआवजा व सरकारी नौकरी तथा महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री से गुहार लगाई। महिलाओं ने हाथरस की पीड़ित बेटी को श्रद्धांजलि दी और महिला हिंसा को जड़ से मिटाने का संकल्प लिया।

दुष्कर्मियों को मिले कड़ी से कड़ी सजा
लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि हाथरस में दरिंदों की शिकार हुई बेटी ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दरिंदों ने युवती से सिर्फ गैंगरेप ही नहीं किया बल्कि ऐसी हैवानियत की कि दिल्ली के निर्भया मामले की याद लोगों की जेहन में ताजा हो गईं। यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं। इस बच्ची के कातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

महिला संगठन की संयोजिका अनीता पटेल ने सरकार से मांग किया कि इस घटना की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया जाए। घटना में दोषी पाए जाने वाले दरिंदों को फांसी की सजा दी जाए और किशोरी के परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता राशि, सरकारी नौकरी और उनके परिवार को सुरक्षा दी जाये।



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यूपी के हाथरस में दलित महिला के साथ हुए दुष्कर्म के मामले को लेकर महिलाओं ने वाराणसी में लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया ।


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