उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप की शिकार युवती के शव का अंतिम संस्कार मंगलवार देर रात भारी पुलिस फोर्स के बीच कर दिया गया। हालांकि, परिवार की तरफ से आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने जबरन उनकी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। उन्हें उनका चेहरा भी नहीं दिखाया गया। इस मामले के लेकर अब यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि शव खराब हो रहा था इसलिए उसे जलाया गया, जबरन अंतिम संस्कार नहीं किया गया।

परिवार से बातचीत के बाद ही किया गया अंतिम संस्कार

एडीजी ने कहा- उन्होंने कहा परिवार वालों से बातचीत के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया गया था। इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम इस मामले में पीड़ित के परिजनों का बयान लेगी और जांच करेगी। किसी भी तरह का कोई लापरवाही हुई है उसकी जांच करेगी।

एडीजी प्रशान्त कुमार ने कहा कि, हाथरस के चंदपा थाना में 14 सितंबर को पीड़ित के भाई ने कराई थी। शिकायत दर्ज जिसमें पीड़ित के भाई ने खुद हस्ताक्षर करे। पुलिस ने मामला तुरंत 307 और एससी/एसटी एक्ट की समुचित धाराओं में दर्ज किया। मुकदमा दर्ज करने के तत्काल बाद ही पीड़ित को इलाज के लिए हॉस्पिटल भेज दिया गया।

पीड़ित के बयान के बाद ही बढ़ाई गई धाराएं

प्रशांत कुमार ने बताया कि हादसे के बाद 22 तारीख को जब सीओ एएमयू ट्रामा सेंटर पीड़ित का बयान दर्ज कराने के लिए गए। तब पीड़ित ने अपने साथ गैंगरेप की बात बताई और फिर एफआईआर में 376 डी की धारा बढ़ाई गई। उन्होंने कहा कि, घटना के मुख्य आरोपी संदीप को 20 को अन्य जो 3 आरोपी थे उनको 23, 25 और 26 सितंबर को गिरफ़्तार किया गया, इस तरह घटना में लिप्त सभी चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

उन्होंने कहा कि पीड़ित के परिवार को 27 सितंबर को दी गई आर्थिक सहायता सरकार के द्वारा दी गई है। 22 सितंबर को पीड़ित ने पहली बार गैंगरेप की बात बताई गई। इस पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए भेजा जाएगा और जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पूरा मामला क्या है?
आरोपों के मुताबिक हाथरस जिले के थाना चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 साल की दलित युवती से दुष्कर्म किया था। वारदात के बाद आरोपियों ने पीड़ित की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ काट दी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। इस मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि गैंगरेप और जीभ काटने के आरोप गलत हैं।



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यूपी सरकार के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा है कि हाथरस में गैँगरेप पीड़िता का शव परिवार से बातचीत करने के बाद ही जलाया गया था।


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