अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि विवाद सुलझने के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का भी मामला कोर्ट में है। आज इस प्रकरण में मथुरा की जिला जज यशवंत मिश्रा की अदालत में सुनवाई होगी। बीते 7 जनवरी को अदालत ने प्रतिवादी शादी ईदगाह प्रबंधन समिति की दलील और आपत्ति पर एक घंटे की बहस के बाद फैसला देने के लिए 11 जनवरी की तारीख तय की थी। दरअसल, श्रीकृष्ण विराजमान ने शाही ईदगाह को हटाकर उसकी भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि को सौंपने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। शाही ईदगाह ने याचिका को गलत बताया था। वादियों का दावा है कि ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बनी है।


समझौते को निरस्त करने की मांग
याचिका में 12 अक्टूबर 1968 को श्री कृष्ण जन्म सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह के बीच समझौते का जिक्र करते हुए वाद संख्या 43/1967 में दाखिल समझौते को विधिक अस्तित्वहीन बताया गया है। सात जनवरी को बहस के दौरान शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के सचिव तनवीर अहमद की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया था कि वादी का दावा विधि सम्मत नहीं है और इस मामले को पंजीकृत न किया जाए। इसका पैरोकार हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन व प्रतिवादी संख्या 3 कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिवक्ता महेश चंद्र चतुर्वेदी व चौथे प्रतिवादी मुकेश खंडेलवाल, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्था के वकील ने विरोध किया था। वादियों का दावा है कि ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बनी है। आज जिला अदालत में इस मामले में पक्षकार बनने के लिए अर्जी दाखिल करने वाले सभी पक्षों की सुनवाई होगी।


सिविल जज के यहां से खारिज हुई थी याचिका
दरअसल, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में श्रीकृष्ण विराजमान व लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत 8 वादियों ने 25 सितंबर 2020 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया था। यहां से 30 सितंबर को वाद खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने जिला अदालत की शरण ली थी। इसमें मस्जिद की पूरी 13.37 एकड़ जमीन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की गई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
याचिका में मस्जिद की पूरी 13.37 एकड़ जमीन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की गई है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2LjOeSR
via