//stawhoph.com/afu.php?zoneid=3891745 28 दिन बाद अपने घर लौटा कोरोना योद्धा: ताली, थाली और बैण्ड-बाजे के साथ लोगों ने किया स्वागत

28 दिन बाद अपने घर लौटा कोरोना योद्धा: ताली, थाली और बैण्ड-बाजे के साथ लोगों ने किया स्वागत

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में जुटा एक योद्धा 28 दिन बाद जब अपने घर वापस लौटा तो लमही के इन्द्रेश नगर का दृश्य देखने लायक था। कोरोना योद्धा डा निरंजन श्रीवास्तव पं० दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में कोरोना संक्रमितों की सेवा करने के बाद शनिवार को वापस लौटे। इस दौरान वह14 दिन अस्पताल और 14 दिन होटल में रहे। विशाल भारत संस्थान के सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं बच्चों ने बैण्ड-बाजे के साथ पुष्प वर्षा कर डा० निरंजन का एक विजयी योद्धा की तरह स्वागत किया।

जितने भी लोग पूर्णकालिक कोरोना संक्रमितों की सेवा कर रहे थे, सरकार ने उन्हें घर जाने से मना कर दिया था। सेवा के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की कोरोना जांच हुई थी। निगेटिव पाये जाने पर घर जाने की इजाजत दी गयी। अस्पताल से छुट्टी मिलने पर डा० निरंजन ने विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डा राजीव श्रीवास्तव को फोनकर सुभाष मंदिर में महान योद्धा परम पावन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के दर्शन की इच्छा व्यक्त की। डा० निरंजन पहले संस्थान के मुख्यालय इन्द्रेश नगर पहुंचे, वहां सुभाष मंदिर में नेताजी का दर्शन-पूजन किया।

मरीजों की सेवा करते हुए अपनो की याद आती थी
एक कोरोना योद्धा को सलामी पर सब भावुक हो गये। कोरोना योद्धा डा० निरंजन श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की सेवा करते हुये भले ही जिन्दगी और मौत से जंग हो रही थी लेकिन सबसे ज्यादा याद अपने लोगों की ही आती थी। कोरोना संक्रमितों का 200 सैम्पल लिया। सीधे कोरोना संक्रमितों की सेवा करने के बावजूद स्वस्थ होकर वापस आया हूं तो उसमें बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद और हजारों लोगों की दुआ शामिल है।

विशाल भारत संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डा राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी होने के साथ-साथ डा० निरंजन एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। जिन्दगी की जंग में इन्होंने कोरोना को न सिर्फ मात दी है बल्कि कई लोगों को कोरोना से बचाया भी है। ऐसे योद्धाओं को सदा हजारों सलाम है।



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यह तस्वीर वाराणसी की है जहां कोरोना मरीजों की दिन रात सेवा करने वाले एक डॉक्टर 28 दिनों बाद अपने घर पहुंचे। इस दौरान ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया गया।


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