उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश बॉर्डर पर स्थित रानी लक्ष्मीबाई राजघाट बांध में बेतवा नदी परिषद के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों ने आठ माह से वेतन नहीं मिलने से परेशान होकर मध्य प्रदेश को पानी देने वाली नहर को बंद कर दिया। इधर नहर के बन्द हो जाने के चलते किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई। नहर बन्द होने के जानकारी लगते ही मध्य प्रदेश शासन व बेतवा परिषद के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वो नहीं माने।

यूपी एमपी के ललितपुर व मध्य प्रदेश के जिला अशोक नगर की सीमा में स्थित रानी लक्ष्मीबाई राजघाट बांध पर बेतवा परिषद में कार्यरत साढ़े तीन सौ से अधिक कर्मचारियों को यूपी एमपी सरकार द्वारा समय से ग्रांट नहीं दिए जाने के चलते आठ माह से वेतन नहीं मिल पा रहा हैं।

नहर बंद होने से कई गांवों के किसान प्रभावित

कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार शुक्ला के नेतृत्व में कर्मचारी पहले ललितपुर क्षेत्र में पानी देने वाली नहर को बंद करने पहुंचे तो वहां पर अधिशासी अभियंता आरके सिंह पहुंचे और उन्होंने 15 दिन के अंदर पूरी ग्रांट दिए जाने का आश्वासन दिया। जिसके बाद कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश के कई गांव को सिचाईं के लिए पानी का संचालन कर रही मध्य नहर को बंद कर दिया।

नहर के बन्द हो जाने से खेतों में सिचाईं कर रहे किसानों में हड़कम्प गया। वहीं नहर के बन्द हो जाने की जानकारी लगने पर उपजिलाधिकारी चन्देरी विजय यादव व बेतवा परिषद दतिया के मुख्य अभियंता अनिल कुमार गुप्ता मौके पर पहुंच गए। इधर, जिलाध्यक्ष अशोक शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 25 करोड़ की ग्रांट में से 5 करोड़ की ग्रांट दी गई हैं। उन्होंने कहा कि पूरी ग्रांट दी जाए जिससे कि कर्मचारियों को वेतन मिल सके। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को आठ माह से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा रहा हैं।



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कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश के कई गांव को सिचाईं के लिए पानी का संचालन कर रही मध्य नहर को बंद कर दिया।


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