उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में समाजवादी पार्टी के बाहुबली MLC कमलेश पाठक पर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया है। 9 माह पहले कमलेश पाठक ने अपने भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख संतोष पाठक व रामू पाठक के साथ मिलकर पुलिस की मौजूदगी में अधिवक्ता मंजुल चौबे और उनकी बहन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन पर 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं। प्रशासन उनकी व उनके दो भाईयों की करीब 55 करोड़ की संपत्ति भी जब्त कर चुका है।

पुलिस की मौजूदगी में गोली मारने का आरोप

15 मार्च 2020 को सदर कोतवाली क्षेत्र के नारायणपुर मुहल्ले में हनुमान मंदिर की जमीन के विवाद में अधिवक्ता मंजुल चौबे और उनकी चचेरी बहन सुधा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मौके से सपा MLC कमलेश पाठक, उनके भाई पूर्व ब्लॉक प्रमुख संतोष पाठक और रामू पाठक को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कुल 11 आरोपित बनाए गए थे। जिला प्रशासन ने सभी पर गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। वर्तमान में कमलेश पाठक आगरा जेल में बंद है।

पहला केस 20 साल की उम्र में दर्ज हुआ था

प्रशासन ने बीते दिनों से कमलेश पाठक की 36.15 करोड़, संतोष पाठक की 9.75 करोड़ और रामू पाठक की 7.51 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ राजनीति शुरू करने वाले कमलेश पर 1974 में चुनाव के दौरान हत्या आदि की धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे। तब कमलेश पाठक की उम्र महज 20 साल थी। इसके बाद राजनीति में कद बढ़ने के साथ कमलेश पाठक भी मामले भी बढ़ते गए।



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राजनीति में कद बढ़ने के साथ कमलेश पाठक भी मामले भी बढ़ते गए।


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